नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने बुली बाई एप को बनाने वाले नीरज बिशनोई की जमानत याचिका रविवार को खारिज कर दी।अदालत ने महसूस किया कि वह एक समुदाय विशेष की महिला कार्यकर्ताओं और महिला पत्रकारों को निशाना बनाता था।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि अदालत ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच शुरूआती चरण में है। इसे देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और अपमान किया गया था। यह कृत्य निश्चित रूप से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है जो सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करेगा।
अदालत ने कहा कि उसे आरोपी की याचिका में कोई दम नजर नहीं आता है और इसके बाद उसकी याचिका को खारिज कर दिया। अदालत के आदेश में कहा गया है कि आरोपी की हरकत को कोई भी सभ्य समाज उचित नहीं ठहरा सकता है।
अदालत ने कहा कि उसने सार्वजनिक रूप से लगभग 100 महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया। यह न केवल नारी सम्मान के खिलाफ है, बल्कि समुदायों के बीच दुर्भावना का कारण जिससे सामाजिक सद्भाव बिगड़ता है।
नीरज बिश्नोई बी.टेक, कंप्यूटर विज्ञान का छात्र हैं और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल से पढ़ाई कर रहा हैं। इस मामले के पहले आरोपी विशाल झा को तीन जनवरी मुंबई पुलिस की एक टीम ने गुप्त जानकारी के बाद बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।