मोरिंडा 15 मार्च (भटोआ)
पंजाब सरकार की ओर से पंजाब-यूटी. कर्मचारी और पेंशनभोगी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व को 29 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ संयुक्त मोर्चा की बैठक का लिखित पत्र दिया गया है, ताकि पंजाब सरकार के साथ कर्मचारियों, पेंशनधारियों और मानदेय कर्मियों की मांगों के बारे में विचार चर्चा करके इनका समाधान किया जा सके.
इस संबंध में यहां भेजे गए एक लिखित बयान में मोर्चे के नेता जर्मनजीत सिंह ने कहा कि संयुक्त मोर्चे के सभी संयोजकों के नेतृत्व में बुलाए विशेष सत्र में 14 विधेयक पारित किए गए. इनमें पहला विधेयक पेंशनभोगियों पर 2.59 का गुणांक लागू करने, केंद्र सरकार की तर्ज पर नोशनल वेतन के आधार पर पेंशन पुनरीक्षण के लिए सर्कुलर जारी करने और एरियर का एकमुश्त भुगतान करने, वेतन समता बहाल करने का है। 2011 में संशोधित और आंशिक रूप से संशोधित श्रेणियों के कर्मचारी। 2011 से 2015 तक नोशनल फिक्सेशन पर दूसरा बिल, 200 रुपये के विकास कर को समाप्त करने पर तीसरा बिल पंजाब के कर्मचारियों पर लागू, चौथा बिल केंद्र के साथ महंगाई भत्ते की सूची और जारी करने पर पांचवा बिल विभिन्न विभागों और बोर्ड निगमों में काम करने वाले सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को तय करने के बारे में, छठा बिल मिड-डे मील वर्कर्स, आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स को न्यूनतम वेतन के तहत लाने और जल आपूर्ति विभाग के भर्ती कर्मचारियों के बारे में। की स्थापना से संबंधित सातवां विधेयक, 1 जनवरी 2004 के बाद कर्मचारियों पर पंजाब सरकार द्वारा एनपीएस लगाया गया। आठवां विधेयक 1972 की पुरानी पेंशन को निरस्त कर बहाल करने का, नौवां विधेयक 1972 के अधिनियम के तहत बोर्ड-निगमों और सोसायटियों के कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का, छठे वेतन आयोग की त्रुटियों का सुधार द्विपक्षीय वार्ता के जरिए आम मोर्चा केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन के संबंध में नौवां विधेयक, पंजाब में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू न करने के संबंध में ग्यारहवां विधेयक, छठे वेतन आयोग के दौरान 37 प्रकार के भत्ते बंद और ए.सी.पी. बारहवाँ बहाली विधेयक, तेरहवाँ विधेयक दिनांक 15-01-2015 और 05-09-2016 की अधिसूचनाओं के निरसन के संबंध में, परिवीक्षाधीन अवधि के दौरान केवल मूल वेतन के भुगतान के संबंध में, पंजाब के कर्मचारियों पर 17-07-2020 के बाद चौदहवें विधेयक के संबंध में केंद्रीय वेतनमान कार्यान्वयन पत्र को रद्द करना और 2014 से अब तक लगभग 125 ओडीएल भेदभाव। शिक्षकों की नियत तिथि से स्थायीकरण एवं संघर्षों के दौरान दर्ज झूठे पुलिस मुकदमों को निरस्त करने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किये गये हैं,
मोर्चे के नेता जर्मनजीत सिंह ने कहा कि जेकर 29 मार्च की बैठक में इन मांगों का सरकार द्वारा सही समाधान न किया गया तो मोर्चे द्वारा संघर्ष की नयी रणनीति की घोषणा की जाएगी.