गुरूग्राम जिला में निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है युवाओं को स्वरोजगार के लिए
15 से 35 प्रतिशत तक सब्सिडी का दिया जा रहा है लाभ
गुरूग्राम, 20 फरवरी। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से अधिक से अधिक युवाओं को जोडक़र उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
विकास सदन में आयोजित पीएमईजीपी कार्यक्रम की जिलास्तरीय समीक्षा समिति की बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने आज ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एमएसएमई विभाग द्वारा पात्र युवाओं को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिलवाया जाता है। यह योजना ना केवल एक युवा को रोजगार प्रदान करती है, बल्कि इसके माध्यम से अन्य युवाओं को भी इन छोटे उद्योग व सेवा क्षेत्र में काम करने का अवसर प्राप्त होता है। एडीसी ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से एमएसएमई इस स्कीम का संचालन कर रहा है। एक सूक्ष्म उद्यम ईकाई के लिए पीएमईजीपी में 50 लाख रूपए व ब्यूटी पार्लर, बुटीक, कैटरिंग, रेस्टोरेंट आदि सेवा क्षेत्र के बीस लाख रूपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इसमें महिला एवं अनुसूचित वर्ग को ग्रामस्तर पर 35 प्रतिशत, सामान्य श्रेणी के युवक को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। शहरी क्षेत्र में पुरूष पात्र को 15 प्रतिशत एवं महिला लाभपात्र को 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जो उद्योग पहले से स्थापित हैं, उनको प्रोत्साहन देने के लिए एक करोड़ रूपए का लोन पीएमईजीपी योजना में मिल सकता है। सेवा क्षेत्र के लिए यह राशि बीस लाख रूपए की है। तकनीकी रूप से कुशल एवं शिक्षित युवा इस स्कीम का लाभ उठाकर अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने लंबित 22 केसों का एक सप्ताह में निपटान करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक मामले का निपटारा किए जाने में 90 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि जितने भी लंबित मामले अभी बैंकों में हैं, उन सबकी समीक्षा कर जल्दी से उनका निपटान किया जाए। अगर केस अस्वीकृत किया जाता है तो उसका भी ठोस कारण आवेदक को बताया जाना चाहिए।
एमएसएमई के संयुक्त निदेशक सतीश कुमार ने बताया कि गुरूग्राम जिला में इस साल 33 केस व 94.4 लाख की सब्सिडी दिए जाने का लक्ष्य दिया गया था। इनमें से 21 मामले बैंक में स्वीकृत किए जा चुके हैं और इनमें 93.62 लाख की सब्सिडी दी जानी है। उन्होंने बताया कि दस मामलों में लाभपात्रों को 37.96 लाख का अनुदान अब तक दिया जा ख्चुका है। गत वर्ष एवं इस साल के 22 मामले अभी विभिन्न बैंकों में लंबित हैं, जिन पर विचार का बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा।
इस मौके पर जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अशोक कुमार, प्रशिक्षण कार्यशाला रूडसेट के शिक्षक राजेश प्रसाद, राष्ट्रीय आजीविका मिशन की जिला समन्वयक दीप्ति, जिला परिषद के परियोजना अधिकारी आर्यन घनघस, प्रतिभा व बैंक अधिकारी मौजूद रहे।