छात्रों ने जस्टिस रितु बाहरी, जस्टिस राज मोहन सिंह ; न्यायमूर्ति हर्ष बांगर, मुख्य सचिव, पंजाब, वीके जंजुआ से की बातचीत
मोहाली 27 नवंबर, देश क्लिक ब्योरो
73वें राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर सांझी सिखिया ने बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सहयोग से "कानून और शिक्षा" पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ, राजपुरा, निकट चंडीगढ़ के एलएलबी और बीए एलएलबी छात्रों ने भाग लिया। सम्मेलन की शुरुआत प्रस्तावना के वाचन से हुई।
न्यायमूर्ति रितु बाहरी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह; जस्टीस हर्ष बांगर; पंजाब के मुख्य सचिव, श्री वीके जंजुआ; वरिष्ठ अधिवक्ता रीता कोहली; पूर्व अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा, सुश्री पल्लवी ठाकुर आदि ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई और भारत के संविधान के 73वें संशोधन को उसकी भावना में साकार करने में आने वाले मुद्दों और चुनौतियों के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा किया। बार काउंसिल के चेयरमैन सुवीर सिद्धू, सचिव गुरतेज सिंह, वाइस चेयरमैन चंदर मोहन मुंजाल, लेख राज शर्मा, बलजिंदर सिंह सोनी, करणजीत सिंह, हरगोबिंद गिल, अशोक सिंगला भी मौजूद थे।
न्यायमूर्ति बहरी ने कहा कि सभी को बुनियादी कानूनी ज्ञान और यह कैसे हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी हो सकता है, को समझकर कानूनी रूप से जागरूक नागरिक होने के महत्व को समझना चाहिए। न्यायमूर्ति सिंह ने आगे कानूनी सहायता और बुनियादी कानूनी समझ को शामिल करने पर प्रकाश डाला। न्यायमूर्ति बांगर ने शासन के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकतंत्र शासन का सर्वोत्तम रूप है और इसे केवल संविधान द्वारा चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम एक सभ्य दुनिया में रह रहे हैं और यह आवश्यक है कि हम सभी अपने संविधान का पालन करें।
संविधान दिवस जिसे 'संविधान दिवस' के रूप में भी जाना जाता है, हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।