’ डेरे की तरफ से बाबा बकाला साहब तहसील में से कानून छींके टाँग कर एक अलग सब तहसील बणाई
मोहाली, 21 मई ()ः शिक्षा विभाग की तरफ से 10़2 इतिहास की पुस्तकों में गुरू साहिबान बारे की गलत टिप्पणियाँ को उजागर करने कंे बाद किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा और सेवामुक्त आईएएस अधिकारी डा. स्वर्न सिंह ने भगवंत मान सरकार की तरफ से पंजाब में शुरु की नाजायज पंचायती जमीनें छुडाउण की मुहिम को हुलारा देने के लिए डेरा राधा स्वामी की तरफ से दबा हुआ नाजायज जमीनें का खुलासा मीडिया सामने रखा है।(MOREPIC1)
आज यहाँ मोहाली प्रैस क्लब में पत्रकारों को संबोधन करते हुए स. बलदेव सिंह सिरसा और सेवामुक्त आईएएस अधिकारी डा. स्वर्न सिंह ने कहा कि हम पंजाब की पंचायती जमीन पर नाजायज कबजाधारियें से कब्जा छुडाउण के लिए पंजाब सरकार की तरफ से चुके जा रहे कदमों की श्लाघा की हैं। परन्तु नाजायज कबजेधारी बड़े -बड़े मग्गरमच्छें विरुद्ध कार्यवाही पहल के आधार पर होनी चाहिए। इन मग्गरमच्छों में जहाँ बहुत सी कदावार राजनैतिक नेता, उनके चेले, अफसरशाही आदि शामिल हैं। इस के साथ ही उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि बसाने वाला हमारे जैसा लोगों को जमीन एक्वायर नीति में बनती छूट दे कर राहत दी जानी भी बहुत जरूरी है तो आम लोग उजाड़े से बच सकें।
इस दौरान स. सिरसा और डा. स्वर्न सिंह ने पंजाब में डेराबाद की तरफ से नाजायज तौर पर कब्जे करी जमीनें का जिक्र करते बताया कि डेरा राधा स्वामी ब्यास भी नाजायज कब्जों में शामिल है। इस अपने आप बना डेरे की तरफ से जिला अंम्रितसर और कपूरथला के करीब 22 गाँवों की पंचायती शामलाटें, आम हमारे जैसा लोगों की मालकी, धार्मिक स्थानों पर रास्तों पहिया रास्तों आदि हजारों एकड़ की जमीन जबरदस्ती पिछले लंबे समय से दब रखीं हुई है और यह धक्केशाही आज भी लगातार जारी है। जिक्रयोग्य है कि जम्हांबन्दियों में उक्त नप्पी जमीन को बंजर कदीमी, झंगी, रखूँ (पेड़ झुण्ड), गैर मुमकिन, दरिया आदि दे रूप में दर्ज है जबकि हकीकत में उक्त सब कुछ है ही नहीं। जम्हांबन्दियों में उक्त गलत इंदराज इस करके रखे गए हैं कि अदालती मामलों दौरान मुआवजा आदि न भरना पड़े।
उन्होंने तहसील बाबा बकाला साहब जिला अंम्रितसर के दर्जन सा गाँवों की निगल ली जमीन का जम्हांबन्दियें अनुसार रिकार्ड संख्या देते कहा कि गाँव बुढ्ढा थे (क्षेत्रफल 3794 कनाल 01 मरला), वड़ैच (क्षेत्रफल 3200 कनाल), बलसराए (क्षेत्रफल 3300 कनाल 10 मरले), योद्धे (क्षेत्रफल 1752 कनाल 10), जलूवाल (क्षेत्रफल 1519 कनाल 16 मरले), खानपुर (क्षेत्रफल 157 कनाल 07 मरले), सैरों निगाह (क्षेत्रफल 617 कनाल 08 मरले), सैरों बाघा (क्षेत्रफल 1619 कनाल 16 मरले), बताला (क्षेत्रफल 140 कनाल 19 मरले), डेरा बाबा जैमल सिंह (क्षेत्रफल 3200 कनाल 03 मरले) आदि करीब ढाई हजार के क्षेत्रफल और कब्जा है। इस के इलावा जिला कपूरथला के गाँवों का काफी पंचायती क्षेत्रफल भी नाजायज कब्जा किया हुआ है।
उक्त धक्केशाही तों इलावा इस डेरे की तरफ से दरिया का कुदरती बहाव को एक मजबूत बाँध लगा कर दूसरे पार के गाँवों की जमीन को भारी नुक्सान भी पहुँचाया जा रहा है। यहाँ सितमजरीफी वाली बात ओर भी है कि डेरे की तरफ से अपने असररसूख के साथ अपने हित पालन के लिए बाबा बकाला साहब तहसील में से कानून छींके टाँग कर एक अलग सब तहसील भी बना के लिए गई है।
इस के साथ ही सेवामुक्त आईएएस अधिकारी डा. स्वर्न सिंह ने मोहाली के मिर्जापुर और नाढा गाँवों की दबी जमीन सम्बन्धित बड़ा खुलासा करते बताया कि जस्टिस कुलदीप सिंह की 2013 की रिपोर्ट में अलग -अलग समय पड़तालूँ भी हो चुकी हैं, परन्तु समय समय की सरकार की बदनीतियें करके कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।
उक्त नेताओं ने कहा कि हमारी मौजूदा आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार से पुरजोर अपील है कि उक्त बड़े बड़े जमीन माफिया के पंजे नीचे से नाजायज दबी जमीन पहल के आधार पर मुक्त करवाई जाये और बसाने वाला हमारे जैसा लोगों को जमीन एक्वायर नीति में बनती छूट दे कर राहत भी दी जाये।
इस मौके उनके साथ जसविन्दर सिंह, मनदीप कौर पन्नू, मास्टर बनवारी लाल, सुखदेव सिंह, मास्टर लखविन्दर सिंह मान, डाक्टर क्रम सिंह, बलविन्दर सिंह कंग, बलजीत सिंह मेहता अमृतसर, जसबीर सिंह बडों हुश्यारपुर, क्रम सिंह चुन्नी, जोगिन्द्र सिंह आवास मोगा, सन्दीप सिंह कुम्बड़ा, लखविन्दर सिंह बेलौंगी, सुखमिन्दर सिंह, पलविन्दर सिंह यूटी, महमा सिंह मोहाली, बहादर सिंह कनाला आदि उपस्थित थे।