-नाकारा हुए सरकारी प्रबंध, डेंगू के साथ-साथ निजी अस्पताल भी बेलगाम: अमन अरोड़ा
-बेड और किटों की भारी किल्लत ने कोरोना महमारी याद करवाई: मीत हेयर
-`आप' ने निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही अंधाधुंध लूट के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया
चंडीगढ़, 26 अक्तूबर
प्रदेश के अंदर बेकाबू हुए डेंगू महामारी के लिए सत्ताधारी कांग्रेस को सीधा जिम्मेदार ठहराते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के शिष्टमंडल ने मंगलवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ओपी सोनी से मुलाकात कर मांग की है कि सरकार ढीला रवैया छोड़कर डेंगू के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाए। वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा की अगुवाई में मिले शिष्टमंडल में यूथ विंग पंजाब के अध्यक्ष एवं विधायक अमन अरोड़ा और पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग शामिल थे।
स्वास्थ्य मंत्री ओपी सोनी को मांग पत्र देने के बाद पंजाब भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि न केवल सुनाम-संगरूर, बल्कि पूरे पंजाब में डेंगू का कहर जारी है। अमन अरोड़ा ने डेंगू के संबंध में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और स्वास्थ्य मंत्री ओपी सोनी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए बताया कि सुनाम हलके के कस्बा लोंगोवाल में एक ही परिवार के तीन सदस्यों दादा, पिता और पोते की डेंगू से दर्दनाक मौत हो गई और दूसरा 19 वर्षीय पोता अस्पताल में उपचाराधीन है।
अमन अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश की सभी सरकारी डिस्पेंसरी और सरकारी अस्पताल सुविधाओं और डॉक्टर-स्टाफ की कमी के कारण स्वयं वेंटिलेटर पर हैं। सरकारी स्तर की नाकारा स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोगों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ रहा है, जहां मरीजों का भरपूर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। लेकिन सरकार निजी सेहत माफिया के सामने उसी प्रकार घुटने टेक चुकी है, जैसे कोरोना महामारी के दौरान निजी अस्पतालों को मरीजों से लूट की अंधी छूट दी हुई थी।
अमन अरोड़ा ने कहा कि यदि सरकार मुस्तैद हो और सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो तो डेंगू के कहर से बचाव हो सकता है, क्योंकि डेंगू अचानक फैलने वाली प्राकृतिक मुसीबत नहीं है। हर वर्ष सितंबर माह से नवंबर महीने तक डेंगू का प्रकोप लोगों को झेलना पड़ता है, क्योंकि गांव और शहरों में जगह-जगह गंदगी, टूटी सड़कें और गलियों में भरा पानी ही डेंगू और इसका लारवा पैदा करता है। इसलिए न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि स्थानीय सरकारी विभाग, पंचायत, ग्रामीण विकास विभाग और लोक निर्माण विभाग समेत अन्य संबंधित विभाग और भ्रष्ट तंत्र जिम्मेदार है।
इस मौके पर मीत हेयर ने कहा कि नाकारा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण निजी अस्पतालों की अंधी लूट ने कोरोना माहमारी के दौरान हुई लूट की याद दिलवा दी है। क्योंकि उस समय जैसे अस्पतालों में बेड और आक्सीजन सिलेंडरों के लिए मारोमार मची हुई थी, आज डेंगू के लिए आवश्यक एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) किटों की काला बाजारी हो रही है और बेड के लिए लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में कोई अग्रिम (एडवांस) प्रबंध नहीं किए।
मीत हेयर ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तरह व्यापक सुधार करने और शहरों और गांव में डेंगू और लारवा मारने के लिए युद्ध स्तर पर फॉगिंग कराए जाने की मांग की। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए केजरीवाल सरकार की तरह जागृति अभियान शुरू करने की भी मांग की है। मीत हेयर ने कहा कि सरकार से प्राइवेट अस्पतालों के लिए बेड, एसडीपी किट और लैबोरेट्री टेस्ट की अधिकतम कीमत तय कर लोगों को उनके बारे में जागरूक करने की मांग भी प्राथमिक तौर पर की है।