सीधी बुवाई करने वाले किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ सहायता के तौर पर मिलेंगे
किसानों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन देने के लिए 3000 अधिकारियों/कर्मचारियों को तैनात किया
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को चूहों की रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक मुफ़्त मुहैया करवाने के लिए कहा
चंडीगढ़, 22 मईः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर राज्य के कृषि विभाग ने खरीफ के मौजूदा सीजन के दौरान धान की सीधी बुवाई (डी.एस.आर.) अधीन क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले दोगुना करते हुए 30 लाख एकड़ (12 लाख हेक्टेयर) क्षेत्रफल इस तकनीक अधीन लाने का लक्ष्य निश्चित किया है। इस कदम का मकसद नवीनतम तकनीक के द्वारा भूजल और वातावरण जैसे बहुमूल्य कुदरती स्रोतों को बचाना है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार भगवंत मान, जिनके पास कृषि विभाग भी है, ने विभाग को हिदायत की कि इस साल धान की रिवायती बुवाई की बजाय लगभग 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को इस तकनीक के अधीन लाने के लिए ठोस प्रयास किये जाएँ जो बहुत कम सिंचाई का प्रयोग करती है। यह विधि ज़मीन में पानी के रिसने में सुधार करने के साथ-साथ खर्चे घटाती है और मिट्टी की सेहत में सुधार भी करती है। इससे धान और गेहूँ की उपज में भी 5-10 प्रतिशत विस्तार होगा।
किसानों को डी.एस.आर. के द्वारा धान की फ़सल बीजने के लिए उत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही इस नवीनतम तकनीक को अपनाने वाले किसानों को उत्साह के तौर पर 1500 प्रति एकड़ वित्तीय सहायता देने का फ़ैसला किया है। पानी के कम उपभोग और कम खर्चे वाली इस तकनीक को उत्साहित करने के लिए किसानों के लिए 450 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है।
ज़िक्रयोग्य है कि इस खरीफ सीजन के दौरान राज्य भर के किसान बासमती समेत 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) क्षेत्रफल में धान की फ़सल लगाऐंगे। आंकड़ों से अनुसार पिछले साल 15 लाख एकड़ (6लाख हेक्टेयर) क्षेत्रफल में डी.एस.आर. के द्वारा धान की काश्त की गई थी और इस साल 30 लाख एकड़ का लक्ष्य निश्चित किया गया है।