मोरिंडा 3 फरवरी (भटोआ)
पंजाब एंड चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन के आमंत्रण पर बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह खालसा गर्ल्स कॉलेज मोरिंडा के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ ने कॉलेज का गेट बंद कर दो घंटे तक धरना दिया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए संघ की कॉलेज इकाई की अध्यक्ष डॉ. गुरप्रीत कौर ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में नियमित भर्ती के संबंध में, महाविद्यालय के शिक्षकों पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतनमान लागू और कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 वर्ष करने सहित अन्य मांगों को लागू करने का पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान ने सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों के साथ र्चचा दौरान वादा किया था,लेकिन सरकार बनने के बाद आप नेता कॉलेज शिक्षकों से किए गए वादों को भूल गए. डॉ. गुरप्रीत कौर ने कहा कि यह धरना पंजाब सरकार द्वारा जारी सातवें वेतन आयोग की धारा 13(2) से उत्पन्न स्थिति के बाद दिया गया है। जिसके माध्यम से सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष कर दी गई है, जो पंजाब सरकार का बहुत ही निंदनीय निर्णय है। डॉ. गुरप्रीत कौर ने कहा कि इस संबंध में यूनियन के प्रतिनिधियों ने सरकार के प्रतिनिधियों से भी संपर्क किया, लेकिन सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला, जिसके कारण पंजाब के 20 सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को मजबूर होकर धरना देना पड़ा है.इस अवसर पर सभी प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान से सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु कम करने के संबंध में जारी अधिसूचना में आवश्यक संशोधन कर उच्च शिक्षा के स्तर को सही मायनों में ऊपर उठाने का प्रमाण देने की अपील की. प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने अपना फैसला नहीं बदला तो सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षक सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्या डॉ. पुष्पिंदर कौर, पीसीसीटीयू कॉलेज यूनिट की अध्यक्ष डॉ. गुरप्रीत कौर, प्रो. नवजोत कौर, प्रो. दिव्या शर्मा, श्रीमती लवप्रीत कौर, श्रीमती हरप्रीत कौर, श्रीमती अनीता कपूर व समस्त शिक्षक एवं शिक्षिकाएं मौजूद रहीं. कॉलेज का नॉन टीचिंग स्टाफ मौजूद रहा