मोरिंडा, 2 मई (भटोआ)
शिरोमणि अकाली दल के महासचिव और प्रवक्ता करनैल सिंह पीरमोहम्मद ने सारागढ़ी फाउंडेशन यूएसए के अध्यक्ष डॉ. गुरिंदरपाल सिंह जेसन द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने हाल ही में सिख इतिहास से संबंधित पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग को इतिहास विभाग के साथ विलय कर दिया है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इतिहास विभाग का कार्य केवल अध्यापन करना है। इसके विपरीत, पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग का उद्देश्य न केवल सिख इतिहास और पंजाब के प्राचीन ऐतिहासिक और विरासत मूल्यों, घटनाओं, युद्धों और पंजाबी योद्धाओं की वीर गाथाओं का अध्ययन करना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर पंजाब की क्षेत्रीय पहचान को तराशना भी है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाबी विश्वविद्यालय में पंजाबी भाषा के नाम पर पंजाबी भाषा, साहित्य, विरासत और सिख इतिहास के विभागों को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया भर में विभिन्न माध्यमों से सिखों की वीर गाथाओं और उपलब्धियों को उजागर किया जा रहा है, पंजाब में सिख इतिहास का घर पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला हमारे इतिहास को संरक्षित करने में असमर्थ है। सारागढ़ी फाउंडेशन इस समामेलन की कड़ी निंदा करता है और पंजाबी सदस्यों और पंजाब सरकार से हस्तक्षेप करने और समामेलन प्रक्रिया को रद्द करने का आग्रह करता है। यथास्थिति बहाल की जानी चाहिए। करनैल सिंह पीरमोहम्मद ने सारागढ़ी फाउंडेशन यूएसए के अध्यक्ष गुरगर सिंह जेसन के बयान का समर्थन किया और कहा कि पंजाबी विश्वविद्यालय को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।